Saturday 25 February 2006

सदके हीर तुझ पे हम फकीर सदके ...
तुझसे लुट कर तेरे ही द्वार आए


तू तो फूलों की सेज पे जा बैठी
मेरे हिस्से में राहों के खार आए ....


झूठे वादे थे तेरे, वफ़ा झूठी
खोटे सोदे में जिंदगी हार आए...


यही इश्क है तो कह दो दुनिया से
किसी बुत पे न किसी को प्यार आए


दे दे दिल हमारा हमें वापस
जोगी लेके यही पुकार आये ...

और मांगे तो बस , मौत मांगे
तेरे दर पे हैं आखिरी बार आए ....